सांझी : वृन्दावन की पारम्परिक लोक पर एक दिवसीय कार्यशाला, राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान, जनपथ, नई दिल्ली - 6 दिसंबर, 2019
संग्रहालय विज्ञान विभाग द्वारा 6 दिसंबर, 2019 को 'म्यूजियम आउटरीच टू विलेज' के अंतर्गत 'सांझी:वृन्दावन की पारम्परिक लोक कला' विषय पर राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान, जनपथ, नई दिल्ली में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।
इस कार्यशाला में जय जवान उच्च माध्यमिक विद्यालय, सिखेड़ा ग्राम, मेरठ के कुल 20 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। वृन्दावनस्थ सांझी परम्परा के संवर्धन हेतु छात्रों को जागरूक करना एवं पारम्परिक सांझी कलाकारों को यथोचित मंच प्रदान करना इस कार्यशाला का मुख्य ध्येय था। साथ ही लुप्त होती जा रही अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरों के परिपेक्ष्य में सांझी कला के विषय में सूक्ष्मता से समझना एवं उसका प्रलेखीकरण भी इस कार्यशाला का मुख्य केंद्र था।
लगभग 500 वर्ष प्राचीन श्री राधारमण मंदिर से आये श्री सौरभ गोस्वामी जी ने वृन्दावन की पारम्परिक सांझी कला के विभिन्न पक्षों के बारे में बच्चो को जानकारी दी। साथ ही उनके मार्गदर्शन में बच्चो ने सांझी के ख़ाँके एवं विभिन्न कलाकृतियों के ख़ाँको से सांझी बनानी भी सीखी। उनके साथ सह कलाकार श्री मदन मोहन शर्मा जी एवं उनके सुपुत्र श्री चित्रांग गोस्वामी जी भी कार्यशाला में उपस्थित थे।
यह कार्यशाला संकायध्यक्षा एवं विभागाध्यक्षा प्रो (डॉ) मानवी सेठ तथा सहायक प्रो जूही सादिया द्वारा संकल्पित कार्यप्रणाली के अंतर्गत शोध सहायक सुशांत भारती, अंकन गुहा, हुमा खान, साक्षी कुकरेती, पलोमा भट्टाचार्जी एवं आनंद हरि द्वारा आयोजित की गई थी।
इस कार्यशाला के मुख्य अंग इस प्रकार थे:
- बच्चो द्वारा विभिन्न गैलरियों का शैक्षणिक भ्रमण
- संग्रहालय एवं पारम्परिक लोक कला विषय पर अनौपचारिक वक्तव्य
- सांझी कलाकारों द्वारा सांझी पर वक्तव्य
- सांझी कलाकारों द्वारा बच्चो को सांझी ख़ाँको का निर्माण
- सांझी कलाकारों द्वारा बच्चो के समक्ष सांझी निर्माण
- लघु चित्र कला गैलरी में बच्चो द्वारा शैक्षणिक गतिविधि
- बच्चो द्वारा सांझी बनाना
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